| Crop |
मकई |
| Local Name |
मकई, जिनोर, जोनार |
| Scientific Name |
Zea mays |
| Variety |
स्थानीय |
| Landscape /Habitat |
बाड़ी |
| Local State (Past) |
प्रयाप्त मात्रा में |
| Local State (Present) |
पहले से कम मात्रा |
| Cropping Season |
मई जून से सितम्बर |
| Special Features |
मकई के पौधे 5-7 फीट तक लंबे होते हैं और एक से दो बाली लगती है। मौनसून के समय इसकी खेती अच्छी होती है। जिसमें सिंचाई की आवष्यकता नहीं पडती है। |
| Uses |
लेटो, दर्रा, रोटी बना कर खाते हैं, भूटा भी खाते हैं। तथा बीज को उबाल कर एवं भुन कर खाते हैं |
| Associated TK |
|
| Source of Seeds/Plants: |
बाजार और बीज भंडारण |
| Approx. area shown: |
81 |
| Other Details |
फसल कटने के बाद इसके सख्त भाग का उपयोग ईधन के रूप में किया जाता है। |
| Community/ Knowledge Holder |
हरिजन, आदिवासी, पिछडी एवं अन्य |
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