| Crop |
मुली |
| Local Name |
मुराई |
| Scientific Name |
Raphanus sativus |
| Variety |
देषी एवं हाइब्रीड (सफेद एवं लाल) |
| Landscape /Habitat |
खेत , टांड |
| Local State (Past) |
पहले कम |
| Local State (Present) |
अब अधिक |
| Cropping Season |
नवंबर से जनवरी |
| Special Features |
यह एक कंदील जड वाली फसल है जो सफेद और लाल रंग का होती है तथा इसकी लंबाई 5-10 इंच तक होती है। इसकी खेती के लिए भी उपजाउ भूमि एवं सिंचाई की आवष्यकता होती है |
| Uses |
सलाद एवं सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। पत्ते का उपयोग साग के रूप में |
| Associated TK |
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| Source of Seeds/Plants: |
बाजार |
| Approx. area shown: |
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| Other Details |
मूली का आचार भी बनाया जाता है और पत्ते का साग के रूप में खाया जाता है। |
| Community/ Knowledge Holder |
हरिजन, आदिवासी, पिछडी एवं अन्य |
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